पता नहीं अब कब रोऊँगा अगली बार
Sunday, January 25, 2009
स्वाद चखा कल आँसू का जब बरसों बाद।
आया समन्दर का खारापन मुझको याद।।
दिल का दर्द पिघलकर बाहर आया था;
बहने दिया मैंने भी खुलकर बरसों बाद।
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
पता नहीं अब कब रोऊँगा अगली बार;
शायद बहेगा मन का नमक फिर बरसों बाद।
62 comments:
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
स्वाद चखा कल आँसू का जब बरसों बाद।
आया समन्दर का खारापन मुझको याद।।
दिल का दर्द पिघलकर बाहर आया था;
बहने दिया मैंने भी खुलकर बरसों बाद।
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
sundar rachna
Regards
स्वाद चखा कल आँसू का जब बरसों बाद।
आया समन्दर का खारापन मुझको याद।।
दिल का दर्द पिघलकर बाहर आया था;
बहने दिया मैंने भी खुलकर बरसों बाद।
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
पता नहीं अब कब रोऊँगा अगली बार;
शायद बहेगा मन का नमक फिर बरसों बाद।
nice lines
well composed as always
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
well said n written
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
पता नहीं अब कब रोऊँगा अगली बार;
शायद बहेगा मन का नमक फिर बरसों बाद।
nice one avi
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
पता नहीं अब कब रोऊँगा अगली बार;
शायद बहेगा मन का नमक फिर बरसों बाद।
स्वाद चखा कल आँसू का जब बरसों बाद।
आया समन्दर का खारापन मुझको याद।।
दिल का दर्द पिघलकर बाहर आया था;
बहने दिया मैंने भी खुलकर बरसों बाद।
nice one sir
Regards
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
nice one
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
पता नहीं अब कब रोऊँगा अगली बार;
शायद बहेगा मन का नमक फिर बरसों बाद।
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
nice one regards
स्वाद चखा कल आँसू का जब बरसों बाद।
आया समन्दर का खारापन मुझको याद।।
sundar
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
पता नहीं अब कब रोऊँगा अगली बार;
शायद बहेगा मन का नमक फिर बरसों बाद।
good one
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
nice
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
nice one avinash
nice one sir
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वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
पता नहीं अब कब रोऊँगा अगली बार;
शायद बहेगा मन का नमक फिर बरसों बाद।
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
पता नहीं अब कब रोऊँगा अगली बार;
शायद बहेगा मन का नमक फिर बरसों बाद।
nice lines sir
Regards
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
good lines
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
bhaavon safal abhivyakti.achchee rachna
beautiful composition
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
sundar rachna
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
पता नहीं अब कब रोऊँगा अगली बार;
शायद बहेगा मन का नमक फिर बरसों बाद।
nice
स्वाद चखा कल आँसू का जब बरसों बाद।
आया समन्दर का खारापन मुझको याद।।
दिल का दर्द पिघलकर बाहर आया था;
बहने दिया मैंने भी खुलकर बरसों बाद।
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वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
पता नहीं अब कब रोऊँगा अगली बार;
शायद बहेगा मन का नमक फिर बरसों बाद।
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
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अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
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वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
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अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
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वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
पता नहीं अब कब रोऊँगा अगली बार;
शायद बहेगा मन का नमक फिर बरसों बाद।
सही कहा आपनेआवीनशजी ज़िंदगी मे रोना भी बहुत ज़रूरी है. बहुत अच्छा लिखते है आप, अँग्रेज़ी और हिन्दी दोनो मे आपकी एक समान पकड़ है.
धन्यवाद
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
पता नहीं अब कब रोऊँगा अगली बार;
शायद बहेगा मन का नमक फिर बरसों बाद।
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
sundar kavita
वैसे तो रोना फितरत है हसीनों की;
सीख लो उनसे ये गर रहना है आबाद।
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
सच कह दिया। बहुत खूब।
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
दिल का दर्द पिघलकर बाहर आया था;
बहने दिया मैंने भी खुलकर बरसों बाद।
बहुत ज़रूरी है जीवन में रोना भी;
सीखा यारों मैंने जाकर ये बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
अश्कों ने धो डाला दिल के घावों को;
आज मिली कुछ राहत मुझको बरसों बाद।
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