इंतज़ार
Monday, July 14, 2008
मत इंतज़ार कराओ हमे इतनाकि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जायेक्या पता कल तुम लौटकर आओऔर हम खामोश हो जाएँदूरियों से फर्क पड़ता नहींबात तो दिलों कि नज़दीकियों से होती हैदोस्ती तो कुछ आप जैसो से हैवरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती हैदिल से खेलना हमे आता नहींइसलिये इश्क की बाजी हम हार गएशायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हेंइसलिये मुझे जिंदा ही मार गएमना लूँगा आपको रुठकर तो देखो,जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो।नादाँ हूँ पर इतना भी नहीं ,थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो।लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,कोई करता है तो इल्जाम देते है।कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।
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