tag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post5508211848754464371..comments2023-07-05T21:20:00.918+05:30Comments on Avinash- The Pariah...Then there was you: हम को इस घर में जानता है कोईअविनाशhttp://www.blogger.com/profile/07179380257537462601noreply@blogger.comBlogger51125tag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-59977200073179830202009-02-12T16:00:00.000+05:302009-02-12T16:00:00.000+05:30आईना देख के तसल्ली हुईहम को इस घर में जानता है कोई...आईना देख के तसल्ली हुई<BR/>हम को इस घर में जानता है कोईTripti Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/07342591966673276449noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-87304758272566306432009-02-10T14:15:00.000+05:302009-02-10T14:15:00.000+05:30आईना देख के तसल्ली हुईहम को इस घर में जानता है कोई...आईना देख के तसल्ली हुई<BR/>हम को इस घर में जानता है कोईDr.Ruchika Rastogihttps://www.blogger.com/profile/16091006441432826360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-68716520744569312172009-02-09T05:54:00.000+05:302009-02-09T05:54:00.000+05:30फिर नजर में लहू के छींटे हैंतुम को शायद मुघालता है...फिर नजर में लहू के छींटे हैं<BR/>तुम को शायद मुघालता है कोईDr. Gunjan Gehlothttps://www.blogger.com/profile/02221388635432491910noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-32266208295644606762009-01-28T14:58:00.000+05:302009-01-28T14:58:00.000+05:30आईना देख के तसल्ली हुईहम को इस घर में जानता है कोई...आईना देख के तसल्ली हुई<BR/>हम को इस घर में जानता है कोईRuchika Mittalhttps://www.blogger.com/profile/09975252247669629153noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-2308712587179199732009-01-27T16:38:00.000+05:302009-01-27T16:38:00.000+05:30पक गया है शजर पे फल शायदफिर से पत्थर उछालता है कोई...पक गया है शजर पे फल शायद<BR/>फिर से पत्थर उछालता है कोई<BR/><BR/>फिर नजर में लहू के छींटे हैं<BR/>तुम को शायद मुघालता है कोईAmrita Kumarihttps://www.blogger.com/profile/00336265653827676556noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-26167761217532381872009-01-24T09:30:00.000+05:302009-01-24T09:30:00.000+05:30आईना देख के तसल्ली हुईहम को इस घर में जानता है कोई...आईना देख के तसल्ली हुई<BR/>हम को इस घर में जानता है कोई<BR/><BR/>पक गया है शजर पे फल शायद<BR/>फिर से पत्थर उछालता है कोईRitika Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/07765843166693811056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-17912667112422138252009-01-24T09:29:00.000+05:302009-01-24T09:29:00.000+05:30आईना देख के तसल्ली हुईहम को इस घर में जानता है कोई...आईना देख के तसल्ली हुई<BR/>हम को इस घर में जानता है कोई<BR/><BR/>पक गया है शजर पे फल शायद<BR/>फिर से पत्थर उछालता है कोईRitika Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/07765843166693811056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-23977514247760899972009-01-23T15:45:00.000+05:302009-01-23T15:45:00.000+05:30आईना देख के तसल्ली हुईहम को इस घर में जानता है कोई...आईना देख के तसल्ली हुई<BR/>हम को इस घर में जानता है कोई<BR/><BR/>पक गया है शजर पे फल शायद<BR/>फिर से पत्थर उछालता है कोईShilpihttps://www.blogger.com/profile/05914697064288035097noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-59575966378162255832009-01-23T11:09:00.000+05:302009-01-23T11:09:00.000+05:30आईना देख के तसल्ली हुईहम को इस घर में जानता है कोई...आईना देख के तसल्ली हुई<BR/>हम को इस घर में जानता है कोई<BR/><BR/>पक गया है शजर पे फल शायद<BR/>फिर से पत्थर उछालता है कोईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-10614263846677701202009-01-22T08:27:00.000+05:302009-01-22T08:27:00.000+05:30पक गया है शजर पे फल शायदफिर से पत्थर उछालता है कोई...पक गया है शजर पे फल शायद<BR/>फिर से पत्थर उछालता है कोई<BR/><BR/>फिर नजर में लहू के छींटे हैं<BR/>तुम को शायद मुघालता है कोईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-1432786246674314712009-01-21T17:30:00.000+05:302009-01-21T17:30:00.000+05:30आईना देख के तसल्ली हुईहम को इस घर में जानता है कोई...आईना देख के तसल्ली हुई<BR/>हम को इस घर में जानता है कोई<BR/><BR/>पक गया है शजर पे फल शायद<BR/>फिर से पत्थर उछालता है कोईAnouska Awasthihttps://www.blogger.com/profile/16893042317386512718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-36602313785160429062009-01-21T08:37:00.000+05:302009-01-21T08:37:00.000+05:30आईना देख के तसल्ली हुईहम को इस घर में जानता है कोई...आईना देख के तसल्ली हुई<BR/>हम को इस घर में जानता है कोई<BR/><BR/>पक गया है शजर पे फल शायद<BR/>फिर से पत्थर उछालता है कोईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-54686204712243874242009-01-21T07:36:00.000+05:302009-01-21T07:36:00.000+05:30आईना देख के तसल्ली हुईहम को इस घर में जानता है कोई...आईना देख के तसल्ली हुई<BR/>हम को इस घर में जानता है कोई<BR/><BR/>पक गया है शजर पे फल शायद<BR/>फिर से पत्थर उछालता है कोईRicha Sharmahttps://www.blogger.com/profile/14780440225350075070noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-6198694508903304032009-01-21T07:18:00.000+05:302009-01-21T07:18:00.000+05:30पक गया है शजर पे फल शायदफिर से पत्थर उछालता है कोई...पक गया है शजर पे फल शायद<BR/>फिर से पत्थर उछालता है कोई<BR/><BR/>फिर नजर में लहू के छींटे हैं<BR/>तुम को शायद मुघालता है कोईPriya Mittalhttps://www.blogger.com/profile/04249316345126971559noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-57618689542345471462009-01-21T07:09:00.000+05:302009-01-21T07:09:00.000+05:30आईना देख के तसल्ली हुईहम को इस घर में जानता है कोई...आईना देख के तसल्ली हुई<BR/>हम को इस घर में जानता है कोईDr. Palki Vajpayeehttps://www.blogger.com/profile/03511099567567319891noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-35854154798127026452009-01-21T01:04:00.000+05:302009-01-21T01:04:00.000+05:30दिन कुछ ऐसे गुजारता है कोईजैसे एहसान उतारता है कोई...दिन कुछ ऐसे गुजारता है कोई<BR/>जैसे एहसान उतारता है कोई<BR/><BR/>आईना देख के तसल्ली हुई<BR/>हम को इस घर में जानता है कोईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-8176267015695388662009-01-20T23:50:00.000+05:302009-01-20T23:50:00.000+05:30दिन कुछ ऐसे गुजारता है कोईजैसे एहसान उतारता है कोई...दिन कुछ ऐसे गुजारता है कोई<BR/>जैसे एहसान उतारता है कोई<BR/><BR/>आईना देख के तसल्ली हुई<BR/>हम को इस घर में जानता है कोई<BR/><BR/>पक गया है शजर पे फल शायद<BR/>फिर से पत्थर उछालता है कोईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-32650061760918423112009-01-20T22:03:00.000+05:302009-01-20T22:03:00.000+05:30आईना देख के तसल्ली हुईहम को इस घर में जानता है कोई...आईना देख के तसल्ली हुई<BR/>हम को इस घर में जानता है कोई<BR/><BR/>bahut hi khubsurat khyaal hain..umda ghazal!Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-10923018687741025502009-01-20T19:47:00.000+05:302009-01-20T19:47:00.000+05:30पक गया है शजर पे फल शायदफिर से पत्थर उछालता है कोई...पक गया है शजर पे फल शायद<BR/>फिर से पत्थर उछालता है कोई<BR/><BR/>फिर नजर में लहू के छींटे हैं<BR/>तुम को शायद मुघालता है कोईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-34679836581814341272009-01-20T19:41:00.000+05:302009-01-20T19:41:00.000+05:30बहुत खुब, एक सुंदर और सफल प्रयास धन्यवादबहुत खुब, एक सुंदर और सफल प्रयास <BR/>धन्यवादAnitahttps://www.blogger.com/profile/13007399246152816542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-696389984063118602009-01-20T19:40:00.000+05:302009-01-20T19:40:00.000+05:30फिर नजर में लहू के छींटे हैंतुम को शायद मुघालता है...फिर नजर में लहू के छींटे हैं<BR/>तुम को शायद मुघालता है कोई<BR/><BR/>देर से गूँजतें हैं सन्नाटे<BR/>जैसे हम को पुकारता है कोईAnitahttps://www.blogger.com/profile/13007399246152816542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-14306449706344078482009-01-20T19:28:00.000+05:302009-01-20T19:28:00.000+05:30दिन कुछ ऐसे गुजारता है कोईजैसे एहसान उतारता है कोई...दिन कुछ ऐसे गुजारता है कोई<BR/>जैसे एहसान उतारता है कोई<BR/><BR/>आईना देख के तसल्ली हुई<BR/>हम को इस घर में जानता है कोईRohit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/10346380388859850396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-54001955686453496862009-01-20T19:26:00.000+05:302009-01-20T19:26:00.000+05:30पक गया है शजर पे फल शायदफिर से पत्थर उछालता है कोई...पक गया है शजर पे फल शायद<BR/>फिर से पत्थर उछालता है कोई<BR/><BR/>फिर नजर में लहू के छींटे हैं<BR/>तुम को शायद मुघालता है कोईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-2736396201740495472009-01-20T18:53:00.000+05:302009-01-20T18:53:00.000+05:30पक गया है शजर पे फल शायदफिर से पत्थर उछालता है कोई...पक गया है शजर पे फल शायद<BR/>फिर से पत्थर उछालता है कोई<BR/><BR/>फिर नजर में लहू के छींटे हैं<BR/>तुम को शायद मुघालता है कोईDr. Aradhnahttps://www.blogger.com/profile/10783635719098171043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7452027641017725467.post-47768095457712175152009-01-20T18:31:00.000+05:302009-01-20T18:31:00.000+05:30पक गया है शजर पे फल शायदफिर से पत्थर उछालता है कोई...पक गया है शजर पे फल शायद<BR/>फिर से पत्थर उछालता है कोई<BR/><BR/>फिर नजर में लहू के छींटे हैं<BR/>तुम को शायद मुघालता है कोईEr. Paayal Sharmahttps://www.blogger.com/profile/07884381219883164628noreply@blogger.com